Samveda Subhasitavali
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Description
सामवेद सुभाषितावली का परिचय
सामवेद सुभाषितावली एक महत्वपूर्ण साहित्यिक कृति है, जिसे डॉ. कपिल देव द्विवेदी ने संकलित किया है। इस ग्रंथ का उद्देश्य केवल साहित्यिक समृद्धि को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति और मूल्य प्रणाली के प्रति जागरूकता को भी फैलाना है। यह ग्रंथ सामवेद से संबंधित श्लोकों और सुभाषितों का संग्रह है, जो न केवल आध्यात्मिकता को प्रकट करता है, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं को भी दर्शाता है। सामवेद सुभाषितावली के माध्यम से लेखक ने उन विचारों को संजोया है जो भारतीय ज्ञान परंपरा में महत्वपूर्ण हैं।
इस पुस्तक में पूर्वजों के अनमोल विचारों का समावेश है, जो आज के समाज के लिए भी प्रासंगिक हैं। डॉ. द्विवेदी ने इस ग्रंथ को तैयार करते समय ऐतिहासिक संदर्भों को ध्यान में रखा है, ताकि पाठकों को यह समझ में आ सके कि ये विचार कैसे विकसित हुए और किस प्रकार उन्होंने भारतीय साहित्य को समृद्ध किया। इसके साथ ही, सुभाषितावली में शामिल श्लोकों के पीछे की गहरी सोच और दर्शन को भी उजागर किया गया है। यह पुस्तक विभिन्न शास्त्रों, धार्मिक ग्रंथों, और पुरातात्त्विक साक्ष्यों के आधार पर लिखी गई है, जो इसे एक अद्वितीय कृति बनाती है।
सामवेद सुभाषितावली न केवल भारतीय साहित्य में एक विशेष स्थान रखती है, बल्कि यह सांस्कृतिक मूल्यों और विचारों का भी संरक्षण करती है। डॉ. कपिल देव द्विवेदी ने इस ग्रंथ के माध्यम से पाठकों को भारतीय संस्कृति के विभिन्न आयामों से अवगत कराने का प्रयास किया है। उनके द्वारा संकलित विचारों की गहराई और तथ्यात्मक आधार इसे अन्य साहित्यिक कृतियों से अलग बनाते हैं। इस प्रकार, सामवेद सुभाषितावली भारतीय साहित्य का एक अनमोल रत्न है, जो समकालीन पीढ़ी को प्रेरित करने की क्षमता रखता है।
डॉ. कपिल देव द्विवेदी और उनकी विचारधारा
डॉ. कपिल देव द्विवेदी, एक प्रमुख साहित्यकार और विचारक, ने अपने जीवन में विचारधारा और समाज के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है। उनका जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ, लेकिन तेजी से उन्होंने ज्ञान और सृजनात्मकता के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई। डॉ. द्विवेदी का मानना है कि साहित्य केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रति एक दायित्व भी है। उनके कार्यों में इस विचारधारा का स्पष्ट प्रतिबिंब देखने को मिलता है।
सामवेद सुभाषितावली, डॉ. द्विवेदी की एक महत्वपूर्ण कृति है, जिसमें उन्होंने समकालीन संदर्भों को ध्यान में रखते हुए गहन विचार प्रस्तुत किए हैं। इस कृति में उनके द्वारा व्यक्त विचार मानवता के कल्याण के लिए प्रेरणा स्रोत बनते हैं। उनकी लेखनी का उद्देश्य केवल ज्ञान का प्रसार करना नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करना भी है। उनके दृष्टिकोण में सामाजिक मुद्दों पर विमर्श, नैतिकता, और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा जैसी पहलुओं पर जोर दिया गया है।
डॉ. कपिल देव द्विवेदी की साहित्यिक उपलब्धियाँ भी प्रशंसा के योग्य हैं। उन्होंने न केवल कविता और गद्य लेखन में योगदान दिया है, बल्कि उनके शोध कार्य और समीक्षात्मक लेखन ने भी उन्हें एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया। उनके विचारों में न केवल गहराई है, बल्कि वे समाज के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हैं। डॉ. द्विवेदी की बहुआयामी प्रतिभा उनके कार्यों के माध्यम से स्पष्ट होती है, जिससे यह सिद्ध होता है कि वे न केवल एक साहित्यकार, बल्कि एक सच्चे समाज सुधारक भी हैं।
Additional information
Weight | 200 g |
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Dimensions | 18 × 12 × 1 cm |
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