Valmiki Ramayan Sachitra 2023 edition
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Description
संसार की विभिन्न भाषाओं में जो उच्चकोटि के महाकाव्य हैं उनमें महर्षि वाल्मीकि प्रणीत रामायण का स्थान सर्वोच्च है। संसार के अन्य काव्यों में हमें महाकाव्य की अन्य विशेषताएँ भले ही मिल जाएँ, परन्तु श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण में जिस आस्तिकता, धार्मिकता, प्रभुभक्ति, उदात्त एवं दिव्य भावनाओं और उच्च नैतिक आदर्शों का वर्णन मिलता है वह अन्यत्र दुर्लभ है।
रामायण के सुन्दरकाण्ड को सर्वश्रेष्ठ कहा जाता है क्योंकि इस काण्ड में महावीर हनुमान् के शौर्य और वीर्य का बड़ा ही मार्मिक चित्रण किया गया है। यह तथ्य हो सकता है, परन्तु मेरे विचार में हम किसी काण्ड को देखें प्रत्येक काण्ड शिक्षाओं और आदर्शों से ओत-प्रोत है। तनिक अयोध्याकाण्ड का अवलोकन कीजिए। कवि ने इस काण्ड में मानव के स्वभावों, भावनाओं और संघर्षों का कितना मार्मिक और हृदयहारी चित्रण किया है। इस काण्ड में राम की श्रेष्ठता का, महाराज दशरथ की दुर्बलता का, कैकेयी के दुराग्रह का, भाग्य के विरुद्ध लक्ष्मण की सिंहगर्जना का, सीता के पातिव्रत्य का, कौसल्या के गौरव का, सुमित्रा की बुद्धिमत्ता का, गुह की मित्रता का और महात्मा भरत की उदारता का भावपूर्ण चित्रण है।
श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण प्राचीन आर्य सभ्यता और संस्कृति का दर्पण है। राम एक आदर्श मित्र, आदर्श भाई, आदर्श पति और आदर्श सम्राट भी हैं लक्ष्मण एक ऐसे आदर्श भाई है जो ज्येष्ठ भ्राता के दुःख और सुख में, हानि और लाभ में सदा उनके साथ रहते हैं, चाहे वे नगर में हों या जंगल में। भरत एक ऐसे भाई हैं जो चक्रवर्ती राज्य को ठोकर मार देते है , रावण और बाली दो ऐसे पात्र है जो आरम्भ में फलते और फूलते हैं, परन्तु अन्त में अपने कर्मों का फल पाते हैं। सीता एक ऐसी नारी रत्न हैं जो मन, वचन और कर्म से अपने पति में अनुरक्त हैं। युवकों एवं युवतियों के चरित्र-निर्माण के लिए रामायण से बढ़कर और कोई शिक्षापूर्ण एवं नैतिक आदर्शों से युक्त ग्रन्थ नहीं हो सकता।
किसी ने ठीक ही लिखा है-
Well, may the Ramayana challenge the literature of every age and country to produce a poem that can boast of such perfect characters as a Rama or a Sita. No where a else are poetry and morality so charmingly united each elevating the other, as in this really holy poem.
-Kalyana Kalpataru, April 1959 р.12
भाव यह है- वस्तुतः रामायण किसी भी युग और किसी भी देश के साहित्य को ललकार सकता है जो राम अथवा सीता के समान सर्वाङ्गीण चरित्रों या पात्रों पर गर्व कर सके। संसार के किसी भी ग्रन्थ में काव्य और नैतिकता का इतना सुन्दर सम्मिश्रण नहीं हुआ है जितना इस पवित्र काव्य में।
Additional information
Weight | 1480 g |
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Dimensions | 25 × 19.5 × 4.5 cm |
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