Sale!

Arya Hindu jaati ke Patan Ke Karan

Original price was: ₹30.00.Current price is: ₹25.00.

Add to Wishlist
Add to Wishlist

Description

यह लेख इसलिए नहीं लिखा गया कि आर्यों और हिन्दुओं में निराशा एवं निरुत्साह का संचार किया जाए। अपितु इस विचार से प्रेरित होकर लिखा गया है कि आर्य-हिन्दू और उन के नेता उपरोक्त त्रुटियों को न दोहराएँ, जिस से आर्य हिन्दू जाति पुनः हानि प्राप्त करे।) संसार का सब से पहला धर्म वैदिक धर्म है। संसार की सब से पहली संस्कृति वैदिक संस्कृति है। संसार की सब से पहली सभ्यता वैदिक सभ्यता है। संसार की सब से पहली जाति आर्य जाति है। वैदिक धर्म, वैदिक संस्कृति, वैदिक सभ्यता और आर्य जाति किस प्रकार ह्रासोन्मुख हो गये और संसार के अन्य मतमतान्तर, अन्य संस्कृतियाँ, अन्य सभ्यताएँ और अन्य जातियाँ किस प्रकार आगे निकल गईं, इनका एक इतिहास है । आर्य जाति के पतन का सब से पहला कारण राज्य- सत्ता का अभाव है। महाभारत के युद्ध में आर्य जाति का सर्वस्व नष्ट हो गया। विश्व के ऊपर जो वैदिक धर्म, वैदिक संस्कृति और नैदिक सभ्यता की छाप थी उसे महाभारत के युद्ध से बहुत तेस पहुंची। फिर भी सिन्ध के राजा दाहर, पंजाब के राजा जयपाल और दिल्ली के शासक पृथ्वीराज चौहान तक तो भारतवर्ष में स्वदेशी राजाओं का ही राज्य रहा। विदेशियों और विधर्मियों का राज्य स्थापित हो जाने के पश्चात् अपने धर्म, संस्कृति और सभ्यता के विकास की बात तो कहीं रही, इन की सुरक्षा ही आर्य जाति

Additional information

Weight 110 g
Dimensions 18 × 12 × 1 cm

Reviews

There are no reviews yet.

Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.