Presentation of Vedic Literature hindi vaisheshikadarshan prashatpadbhasya
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इस विषम संसार में जन्म से मरण पर्यन्त दुःख ही दुःख है। मानव अपनी साधारण दृष्टि से जिसे सुख समझता है वह भी वस्तुस्थिति में क्षणिक, दुःख अथवा दुःखमूत्र ही है। अतः भव्य-जन दुःख के ऐकान्तिक तथा आत्यन्तिक निरास के लिए सदा सचेष्ट रहते हैं। दुःख का सर्वथा निरास कैसे सम्भव है- यही उग्रराय या मार्ग बतलाना दर्शन का लक्ष्य है। भारतवर्ष के सभी दार्शनिक सम्प्रदाय – चाहे ऋजु हों या कुटिल – इसी लक्ष्य के साधन में पर्यवसन्न हुए हैं। प्रकृत वैशेषिक-दर्शन भी उन्हीं सम्प्रदायों में एक है। परमाराध्य महेश्वर के प्रसाद से दिव्य-ज्ञान को प्राप्त कर महर्षि कणाद ने लोकानुग्रहार्थ इस मार्ग को प्रश्तुत किया है ताकि साधारण जिज्ञासु संसार में रहकर भी संसार के दुःख से अपने को विमुक्त कर सकें । यद्यपि प्रायशः सभी विशिष्ट दार्शनिक अपनी अन्तिम आस्था अद्वैत-दर्शन में ही रखते हैं तथापि वैशेषिक-दर्शन का महत्त्व कम नहीं है। साधारण लोगों के लिए तो यही प्रशस्त-मार्ग है । जन-साधारण को यह विश्वास नहीं होता कि मुक्ति नाम की भी कोई चीज है और उसकी प्राप्ति मनुष्य के लिए सम्भव है। यद्यपि आस्तिक्य के कारण व्याख्यान अवश्य ही दिया करते हैं कि ऐसे मुक्ति मिलती है, मुक्ति मिलने से ये ये लाभ होते हैं इत्यादि तथापि यदि सच पूछा जाय तो उन व्याख्याताओं के हृदय में भी विश्वास नहीं सा रहता । जन-साधारण की मनोवृत्ति में केवल ऐह-लौकिक उत्कर्ष का ही स्थान रहता है। अतः महर्षि कणाद ने साधारण जन-मनो-वृत्ति का ध्यान रखकर अभ्युदय और निःश्रेयस दोनों ही के अधिगम के निमित्त अपने सम्प्रदाय को उपयोगी सिद्ध किया है। यदि सूक्ष्म-दृष्टि से विचार किया जाय तो यह वैशेषिक-दर्शन अद्वैत-दर्शन से भिन्न भी नहीं प्रतीत होता । केवल साधारण अधिकारी के आकर्षण के लिए इसकी प्रतिपादन शैली में थोड़ा सा अन्तर अवश्य किया गया है। अद्वैत-दर्शन के मुख्य सिद्धान्त ये हैं- “ब्रह्म सत्यम्, जगन्मिथ्या, जीवो ब्रह्मैव नाऽपरः”। इनमें पहले हम-लोग ‘जगन्मिथ्या’ के सिद्धान्त को ही देखें। अद्वैत-दर्शन के अनुसार संसार मिथ्या अवश्य है परन्तु पारमार्थिक-दृष्टि से, न कि व्यावहारिक दृष्टि से भी । तात्पर्य यह है कि मुक्तात्मा के लिए जगत् मिथ्या है परन्तु अमुक्तात्मा के लिए सिद्धान्ततः मिथ्या २ प्र० भू०
Additional information
| Weight | 400 g |
|---|---|
| Dimensions | 22 × 13 × 2 cm |
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