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Vrihad Booty Prakash

Original price was: ₹460.00.Current price is: ₹360.00.

प्राचीन भारत ऋषि-मुनियों का देश है और हमेशा देवताओं की जन्म-भूमि रही है। उस परमपिता परमेश्वर की अपार कृपा है कि भारत मां के चरणों को धोता हुआ हिन्द महासागर पर सूर्य देवता सर्व प्रथम इस महान भूमि पर अपना प्रकाश फैलाता है। अमूल्य गुणकारी जड़ी -बूटियों से ढके पर्वत, बर्फ से ढकी हुई बर्फीली चोटियां और उन वैरागी , ईश्वर की उपासना में लीन मस्त महात्मा, संन्यासी और साधु भी मौजूद हैं। वेदों का प्रकाश इसी भारत भूमि पर सबसे पहले हुआ था इसी पुन्य धरती पर सोलह कलायुक्त भगवान कृष्ण ने विश्व को गीता का ज्ञान दिया धन्य धान्यसे पूर्ण भारत में यहां के वासियों के प्रत्येक घर-वेदों की ध्वनी , हवनकुण्डों से उठती हुई धुयें की सुगन्धि सभी ओर दिखती थी। नालन्दा और वाराणसी के विश्वविद्यालयों में हजारों विद्यार्थी विदेशों से आकर विद्याध्ययन करते थे और हमारे गुरुजनों का पूजन होता था । इस देश ने सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में अपना सिक्का जमा रखा था । क्या अशोक, गौतम, राम कृष्णा आदि महान पुरुषों की इस पुष्य भूमि का आज पाश्चात्य सभ्यताओं के कारण पतन हो गया है ? पाश्चात्य सभ्यता को हम अधिक अपना रहे हैं। अब देश ने अंग्रेज चले गये फिर भी हमने अंग्रेजों का पीछा नहीं छोड़ा है। इसी प्रकार जो जड़ी-बूटियां शरीर के असाध्य से असाध्य रोग को जड़ से खो देती हैं, उनका भी हमें प्रयोग करना चाहिए। हमारे देश में पैदा होने वाली सभी जड़ी-बुटी यहां कीजलवायु में पैदा होती हैं। वह इस देश के वासियों को अधिक लाभ करती है हमारे पूर्वजों ने बड़े-बड़े परिश्रम से इनको खोजकर तथा प्रयोग करके हमारे लिए उपयुक्त बताया है। –

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Additional information

Weight 500 g
Dimensions 22 × 14 × 3 cm

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