Avyayarth Vedang Prakash Vol 7
Original price was: ₹50.00.₹45.00Current price is: ₹45.00.
अथ भूमिका
सदृश त्रिषु लिङ्गेषु सर्वासु च विभक्तिषु । वचनेषु च सर्वेषु यन्न व्येति तदव्ययम् ।।
जो शब्दस्वरूप तीनों लिङ्गों, सातों विभक्तियों और इनके एकवचन, द्विवचन, बहुवचन (सात विभक्तियों के तीन-तीन के हिसाब से सात तिये इक्कीस वचनों) में एक से बने रहें अर्थात् जैसा उनका स्वरूप प्रथम हो वैसा ही मध्य और अन्त ने भो बना रहे, जिनमें कोई विकार न हो, उनको अव्यय शब्द कहते हैं।
इनका पाठ अकारादि क्रम से इस ग्रन्थ में लिखा है। ये अव्यय शब्द पद, वाक्य और क्रिया के साथ सम्बन्ध रखते हैं और कहीं-कहीं कोई-कोई अव्यय प्रकृति के अर्थ को विलक्षण करके दिखला देता है जैसे प्र, परा, वि, इत्यादि –
(भवः) किसी का नाम वा संसार और (प्रभवः) उत्पत्ति ।
(जयः) जीत और (पराजयः) हार । (भूः) जो होता है और (विभुः) व्यापक इत्यादि । और
(च) (वा) आदि शब्द प्रकृति के अर्थ को बदलते नहीं किन्तु सहायक होते हैं ।
[४]
जिसलिये वेदादि शास्त्रों में इनके प्रयोग आते हैं इसलिये इनका अर्थ विदित करना कराना सब को उचित है, क्योंकि विना अर्थज्ञान के कुछ भी लाभ नहीं हो सकता ।
इस ग्रन्थ में तीन प्रकार का क्रम रक्खा गया है। प्रथम मूल अव्यय, दूसरे कोष्ठ में उनका अर्थ, और तीसरे कोष्ठ में अव्ययों के उदाहरण रख दिये हैं।
इस ग्रन्थ को संस्कृत में बनाने का यही प्रयोजन है कि इस पुस्तक के पूर्व, सन्धि विषय आदि ग्रन्थों को क्रमशः जो लोग पढ़ेंगे उनको संस्कृत का समझना कुछ कठिन नहीं पड़ेगा और संस्कृत बोलने लिखने में भी उपयोगी होगा ।।
इति भूमिका ।।
Additional information
Weight | 112 g |
---|---|
Dimensions | 18 × 12 × 1 cm |
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
Reviews
There are no reviews yet.