Khudiram Bose
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Description
भारत 1947 से पूर्व कई सौ वर्ष तक विदेशी आक्रान्ताओं का गुलाम रहा । 15 अगस्त 1947 के पूर्व भारत में अंग्रेजों का राज था। अंग्रेजी राज से पूर्व क्रूर मुगल बादशाह और उससे पूर्व जुल्मी पठान नवाब राज करते थे। पठान नवाबों के आनन काल में कई पठान नवाब भारत के अलग अलग हिस्सों में राज्य करते थे। उस समय से ही स्थान स्थान पर हिन्दू रजवाड़े और जमींदार अपने छोटे दलों एवं निजी केनाओं द्वारा पठानों का विरोध करते रहे। परन्तु आपसी फूट और अभिमान के कारण विशेष सफलता नहीं मिल पाई। क्रूरत्तम मुगल शासन काल में लगभग सम्पूर्ण उत्तर भारत, मध्य भारत, अधिकतर पूर्व व पश्चिम भारत और कुछ हिस्से दक्षिण भारत के एक ही शक्तिशाली मुगल साम्राज्य के आधीन हो गए। उस काल में स्वाधीनता के कुछ बड़े और सफल प्रयास हुए। विशेषतः राजस्थान, आंध्र, पंजाब और नहाराष्ट्र में तो एक बार छोटे-छोटे हिन्दू राज्य बन भी गए। महाराष्ट्र के रेजादा तो धीरे धीरे मुगलों को धकेलते हुए दिल्ली तक पहुँच गए। यदि राजपूत साथ देने और उन्हें शक्ति संचय का कुछ समय और मिलता तो शायद भारत का इतिहास ही कुछ और होता। नराठों की शक्ति के पतन के साथ साथ भारत में अंग्रेजों की शक्ति बढ़ रही यो। विशेषतः भारत के पूर्वी भाग में अंग्रेजों की ईस्ट इण्डिया कम्पनी का अधिकार हो रहा था। धूर्त अंग्रेज इन नवाबों और रजवाड़ों को आपस में लड़ा कर धीरे धीरे अपनी शक्ति बढ़ाते गए और ये नवाब व रजवाड़े केवल अंग्रेजों के मोहरे रह गए केसन 1775 से लेकर सन 1857 के बीच छुट-पुट विद्रोह जैसे कि सन्यासी विद्रोह व अंग्रेजी सेना में ही दो तीन बार भारतीय सिपाहियों द्वारा विद्रोह के प्रयास किए नाए। मराठा पेशवाओं और पूर्व के नवाबों के पतन के पश्चात लगभग सम्पूर्ण भारत के धूर्त और मक्कार अंग्रेजी ईस्ट इण्डिया कम्पनी का शासन हो गया।
Additional information
Weight | 170 g |
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Dimensions | 18 × 12 × 1 cm |
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