Sale!

Namik Vedang Prakash Vol 3

Original price was: ₹80.00.Current price is: ₹72.00.

यह पढ़ने पढ़ाने की व्यवस्था में पांचवां पुस्तक है। प्रथम ‘सन्धिविषय’ को पढ़कर पश्चात् इसको पढ़ना चाहिये । ‘नामिक’ इसलिये इसको कहते हैं कि इसमें सुप् के साथ नाम अर्थात् सञ्ज्ञा ७ आदि शब्दों का विधान है, और इसी हेतु से ‘नाम्नां व्याख्यानो प्रन्यो नामिकः’ यह तद्धितार्थ सङ्गत होता है, क्योंकि यहां ‘नाम’ शब्द से व्याख्यान अर्थ में ‘ठक्’ प्रत्यय हुआ है। नामवाचकों को प्रयोगसिद्धि के लिये मुनिवर पाणिनिजी ने प्रातिपदिक सञ्ज्ञा से विधान किया है। ८ १
( प्रश्न) ‘प्रातिपदिकसञ्ज्ञा’ का क्या फल है ?
(उत्तर) सुप्, स्त्री और तद्धित प्रत्ययों का विधान होना ।
(प्रश्न) ‘सुप्’ किसका नाम है ?
(उत्तर) प्रथमा के एकवचन से लेके सप्तमी के बहुवचनः पर्य्यन्त इक्कीस (२१) प्रत्ययों के सङ्घात का ।
( प्रश्न) ‘सुप्’ के कितने अर्थ हैं ?
(उत्तर) सुपां कर्माद‌योऽप्यर्थाः सङ्ख्या चैव तथा तिङाम् ।।
महाभाष्य अ० १ । पा० ४ । सू० २१ । ग्र० २ ।। ये ग्यारह (११) अर्थ सुप् के हैं- कर्म; कर्त्ता; करण; सम्प्रदान; अपादान; सम्बन्ध; अधिकरण; और हेतु तथा एकत्व;
द्वित्व; और बहुत्व ।

Additional information

Weight 207 g
Dimensions 18 × 12 × 2 cm

Reviews

There are no reviews yet.

Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.