Mahrshi Bhardwaj Pranit Brihad Vimanshastra
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🔹 बृहद् विमान शास्त्र: परिचय रचयिता: महर्षि भारद्वाज (ऐसा माना जाता है, लेकिन प्रमाण विवादास्पद हैं) संस्कृत नाम: बृहद् विमान शास्त्र (Brihad Vimana Shastra) विषय: यह ग्रंथ प्राचीन भारत में विमान निर्माण, उनके प्रकार, कार्यप्रणाली और उपयोग पर आधारित है। 🔹 प्रमुख विषयवस्तु इस ग्रंथ में विमानों के कई प्रकारों का वर्णन किया गया है, जैसे: शकुन विमान सुंदर विमान रुक्म विमान त्रिपुरा विमान इसके अलावा इसमें निम्नलिखित विषयों का भी उल्लेख है: विमान उड़ाने की विधियाँ विमान के निर्माण में उपयोग होने वाली धातुएँ गुप्त और अदृश्य विमानों की तकनीकें यंत्रों और ऊर्जा स्रोतों की रूपरेखा 🔹 इतिहास और प्रमाण “बृहद् विमान शास्त्र” के वर्तमान रूप को पहली बार 20वीं सदी के प्रारंभ में शुभराय शास्त्री द्वारा प्रस्तुत किया गया था, जिन्होंने कहा कि यह ग्रंथ महर्षि भारद्वाज की मूल पांडुलिपि का अनुवाद है जिसे उन्होंने योगिक दृष्टि से प्राप्त किया। वैज्ञानिक विश्लेषण: 1974 में IISc, बेंगलुरु के वैज्ञानिकों ने इस ग्रंथ का विश्लेषण किया और निष्कर्ष निकाला कि इसमें वर्णित विमान तकनीकी दृष्टि से अव्यवहारिक और वैज्ञानिक तथ्यों से मेल नहीं खाती। ग्रंथ में कई अनविज्ञ या अवैज्ञानिक बातें पाई गईं। 🔹 विवाद और आलोचना कई विद्वानों का मानना है कि यह ग्रंथ प्राचीन नहीं है, बल्कि 20वीं सदी का निर्माण है। यह भी कहा गया कि इसमें जो तकनीकी जानकारी दी गई है, वह आधुनिक विज्ञान के अनुसार अमान्य है।
Description
बृहद् विमानशास्त्र भारतीय प्राचीन ज्ञान-परंपरा में वर्णित विमान-विज्ञान का एक महत्वपूर्ण एवं विचारोत्तेजक ग्रंथ है। इस ग्रंथ का संपादन एवं भाषानुवाद स्वामी ब्रह्ममुनि परिव्राजक द्वारा किया गया है, जिसमें संस्कृत मूल पाठ के साथ उसका स्पष्ट, तार्किक एवं बोधगम्य रूप प्रस्तुत किया गया है।
ग्रंथ में प्राचीन भारतीय ग्रंथों में वर्णित विमानों के प्रकार, उनकी संरचना, निर्माण-सिद्धांत, संचालन-विधि तथा उपयोग से संबंधित विषयों का विवरण मिलता है। यह पुस्तक केवल कल्पना पर आधारित नहीं, अपितु प्राचीन शास्त्रीय संदर्भों के आधार पर विमान-ज्ञान की परंपरा को प्रस्तुत करती है।
मुख्य विशेषताएँ—
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वैदिक एवं शास्त्रीय स्रोतों में वर्णित विमान-विज्ञान
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विमानों के प्रकार, रचना और कार्य-प्रणाली का विवेचन
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संस्कृत पाठ के साथ सरल एवं स्पष्ट भाषानुवाद
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भारतीय वैज्ञानिक चिंतन एवं प्राचीन तकनीकी ज्ञान का परिचय
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शोधार्थियों, वैदिक विद्वानों एवं जिज्ञासु पाठकों के लिए उपयोगी
यह ग्रंथ भारतीय बौद्धिक परंपरा में निहित वैज्ञानिक दृष्टि को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ ग्रंथ है।
🇬🇧 English (Detailed Description)
Brihad Vimanashastra is a significant and thought-provoking text that presents ancient Indian knowledge related to aeronautical science as described in classical Sanskrit sources. Edited and translated by Swami Brahmamuni Parivrajak, the book offers the original concepts in a clear and accessible form.
The work discusses various types of aerial vehicles (vimanas), their structural principles, construction methods, operational techniques, and applications as described in ancient texts. Rather than imaginative fiction, the book is rooted in traditional scriptural references that reflect India’s early scientific thought.
Key Features—
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Ancient Vedic and classical references to aeronautical science
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Description of aircraft types, design principles, and functions
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Clear translation and systematic presentation
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Insight into India’s ancient scientific and technological thinking
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Useful for researchers, scholars of Vedic literature, and inquisitive readers
This book serves as an important reference for understanding the scientific dimensions of ancient Indian knowledge systems.
Additional information
| Weight | 500 g |
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| Dimensions | 22 × 14 × 3 cm |
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