Rishi Dayanand Saraswati Ke Shastrarth Aur Pravachan
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दयानन्द-शास्त्रार्थ-संग्रह
महर्षि दयानन्द के पुस्तकाकार एवं जीवन-चरितों में पूर्णतया प्रकाशित प्रामाणिक शास्त्रार्थों का शोध-पूर्ण भूमिका तथा टिप्पणियों से युक्त अनुसन्धानात्मक दृष्टि से सम्पादित विशिष्ट संस्करण
Description
इस युग में वैदिक-चर्चा के पुनरुद्धारक स्वामी दयानन्द सरस्वती ने अपने मन्तव्यों तथा विचारों के प्रसार के लिये व्याख्यान, प्रवचन, शंका-समाधान तथा शास्त्रार्थ की प्रणालियों को स्वीकार कर देश में सर्वत्र धर्मान्दोलन उपस्थित किया था। उनका सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण शास्त्रार्थ आज से १०१ वर्ष पूर्व काशी में हुआ था, जिसमें उन्होंने प्रतिमापूजन का खण्डन किया था, तथा वाराणसी की पण्डित- मण्डली को मूर्तिपूजा-विधान की वैदिकता सिद्ध करने के लिये ललकारा था। उसके पश्चात् तो वे अपने जीवन के अवशिष्ट काल में सर्वत्र वैदिके तर मतावलम्बियों से शास्त्रार्थ करते दिखाई पड़ते हैं। पौराणिक पण्डितों के अतिरिक्त मौलवियों, पादरियों तथा जैन साधुओं से भी उनके शास्त्रार्थ हुये । उनके द्वारा किये गये समग्र शास्त्रार्थों की संख्या लगभग ५० ठहरती है।
ये शास्त्रार्थ लिखित और मौखिक दोनों रीतियों से होते थे । जहां शास्त्रार्थ का विवरण लेखक द्वारा लिपि-बद्ध कर लिया जाता, वहां उसे यथासुविधा प्रकाशित भी कर दिया जाता था। ऐसे शास्त्रार्थ कालान्तर में पुस्तकाकार छप भी गये। गत वर्ष आर्य जगत् ने महर्षि दयानन्द के काशी-शास्त्रार्थ का शताब्दी-उत्सव मनाया था । तब यह अनुभव किया गया कि महर्षि के उन समस्त शास्त्रार्थों को एक पृथक् ग्रन्थ के रूप में सम्पादित कर प्रकाशित किया जाय । इसी योजना को क्रियान्वित करने हेतु इस शास्त्रार्थ-संग्रह का सम्पादन किया गया है।
प्रस्तुत ग्रन्थ में श्री महाराज के ८ शास्त्रार्थों का विवरण संगृहीत किया गया है। इन शास्त्रार्थों का चयन करने में मुख्य दष्टि यह रही है कि इनमें उन्हीं शास्त्रार्थों को संगृहीत किया जाय, जो पुस्तकाकार छप चुके हैं। इस दृष्टि से काशी-शास्त्रार्थ, शास्त्रार्थ- हुगली, सत्यधर्म-विचार मेला चांदापुर, शास्त्रार्थ-जालन्धर, सत्यासत्य विवेकशास्त्रार्थ बरेली उल्लेखनीय हैं। शेष शास्त्रार्थ अजमेर, उदयार तथा मसूदा के अद्यापि पुस्तक रूप में नहीं छपे, परन्तु उनका विशद विवरण स्वामी जी के जीवन-चरित तथा अन्यत्र प्रकाशित हो चुका है। इस संग्रह में शास्त्रार्थों का मूलपाठ वही रखा गया है,
Additional information
Weight | 742 g |
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Dimensions | 22 × 14 × 5 cm |
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