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Samasya Samadhan

Original price was: ₹60.00.Current price is: ₹54.00.

आदमी प्रायः किसी न किसी शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, राष्ट्रीय और आर्थिक समस्या से परेशान रहता है। इस किताब को आपके सम्मुख रखने का उद्देश्य ही यही है कि आपको “मानसिक उलझनों का स्वास्थ्य रक्षक समाधान” मिल सके। जैसे संपादक श्री (डॉ.) राधावल्लभ सांसारिक परिस्थितियाँ में उलझकर समय के विपरीत बहाव में बहकर तमाम नित नई मुश्किलों का सामना कर रहे थे, ऐसे में उन्हें संत श्री ज्ञानेश्वर जी महाराज और स्वामी विवेकानंद जी महाराज का सहारा प्राप्त हुआ। कहते हैं- डूबते को तिनके का सहारा बहुत, लेकिन यहाँ तो पूरी नाव ही उन्हें मिल गई।

संतों के सान्निध्य में समय के साथ उन्होंने कई बातें देखीं, समझी और जानी। अज्ञान रूपी अंधकार के भटकाव से वे बाहर आये, दुनिया को जाना, अपने आपको पहचाना, मन की उलझनों से निपटने की कला सीखी। फिर उनके मन में यह भाव जागा कि, मेरी तरह और न जाने कितने लोग भटक रहे होंगे, जिन्हें कोई रास्ता दिखाने वाला नहीं है। अतः उन्होंने संत श्री के समस्या समाधान-विषयक प्रवचनों को टाइप कर, क्रम से व्यवस्थित कर और संपादित कर एक माला में

पिरोया…. और नाम दिया- “समस्या-समाधान”।

महान लोगों के अनुभव का निचोड़ है यह पुस्तक। जो बताती है कि मन की शांति क्यों भंग होती है, शांत और प्रसन्नचित्त रहने के क्या उपाए हैं।

वैसे प्रकाशक होने के नाते मेरी जिम्मेदारी केवल पुस्तक प्रकाशन की है। पुस्तक में दिए विषयों पर प्रस्तुत विचार संपादक जी एवं संत श्री के हैं। अतः पुस्तक में लिखी सामग्री के लिए वे ही जवाबदेह हैं, प्रकाशक नहीं। इसलिए सामग्री से संबंधित किसी विषय पर कोई सुझाव, शंका या शिकायत हो तो आप उन्हीं से पत्राचार करें ताकि विचार-विमर्श उपरांत अगले संस्करण में तदनुसार शोधन कर पुस्तक को आपके सहयोग से और अधिक उत्कृष्ट बनाया जा सके।

आशा करता हूँ कि निरोगधाम प्रकाशन से प्रकाशित यह पुस्तक जीवन के प्रति आपके दृष्टिकोण को बदलकर तमाम तरह के दबावों से छुटकारा दिलाकर मानसिक शांति की ओर बढ़ायेगी, जिसके प्रभाव से कई प्रकार के रोग स्वयं ही दूर होते चले जाएंगे।

Additional information

Weight 250 g
Dimensions 22 × 14 × 2 cm

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