Shatapath Ke Dashapath VOL1-2
Original price was: ₹200.00.₹180.00Current price is: ₹180.00.
Description
प्राचीन वैदिक साहित्य में यजुर्वेद के व्याख्यान’ शतपथ ब्राह्मण’ का स्थान बड़ा महत्त्वपूर्ण माना जाता है। यह व्याख्यान जटिल याज्ञिक प्रक्रिया पर आधृत है जिसे साधारण जनता समझने में समर्थ नहीं है। परन्तु कर्मकाण्ड के साथ- साथ उस ग्रन्थ में ऐसे तत्त्वों का उल्लेख तथा निर्देश मिलता है जो मानवजीवन के उत्त्थान के लिए परम उपयोगी है। महर्षि दयानन्द सरस्वती ने अपने ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका आदि ग्रन्थों में शतपथ ब्राह्मण के महत्त्व को स्वीकार किया है। स्वामी समर्पणानन्द सरस्वती (पं० बुद्धदेव) ने अपनी महती तर्कणा- शक्ति के बल पर इस ग्रन्थ की हृदय ग्राही व्याख्या आरम्भ की थी जो किन्हीं कारणों से पूरी नहीं हो सकी थी। डॉ० वेदपाल सुनीथ युवा मेधावी विद्वान् थे। उन्होंने स्वा० समर्पणानन्द जी के सान्निध्य में शतपथ ब्राह्मण का अध्ययन मनोयोग पूर्वक किया था और स्वतः बीसियों बार इस विशाल ग्रन्थ का पारायण एवं स्वाध्याय किया था। शतपथ ब्राह्मण के प्रति उनकी अगाध भक्ति थी। वे प्रतिभावान् युवक थे और उनकी लेखनी में अद्भुत प्रवाह, ओज तथा माधुर्य था। उन्होंने शतपथ ब्राह्मण के कुछ प्रेरक प्रसङ्गों की व्याख्या के रूप में रोचक एवं मनोरम प्रवचनों की रचना की थी जो दो खण्डों में ‘शतपथ के दश पथ’ नाम से प्राच्यविद्यानुसन्धान केन्द्र से प्रकाशित की गई थी। वह रचना आर्य जनता में अत्यन्त लोकप्रिय सिद्ध हुई।
Additional information
Weight | 475 g |
---|---|
Dimensions | 22 × 14 × 3 cm |
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
Reviews
There are no reviews yet.