Vaman Shivram Apte Sanskrit Hindi Kosh
Original price was: ₹775.00.₹675.00Current price is: ₹675.00.
Description
यह संस्कृत-इंग्लिश कोश जो मै आज जनसाधारण के सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूँ, न केवल विद्यार्थी की बिर-प्रतीक्षित आवश्यकता को पूरा करता है, अपितु उसके लिए यह सुलभ भी है। जैसा कि इसके नाम से प्रकट है यह हाई स्कूल अथवा कालिज के विद्यार्थियों की सामान्य आवश्यकताओं की पूति के लिए तैयार किया गया है। इस उद्देश्य को ध्यान में रखकर मैंने वैदिक शब्दों को इसमें सम्मिलित करना आवश्यक नहीं समझा। फलतः मैं इस विषय में वेद के पश्चवर्ती साहित्य तक ही सीमित रहा। परन्तु इसमें भी रामायण, महाभारत पुराण, स्मृति, दर्शनशास्त्र, गणित, आयुर्वेद, न्याय, वेदांत, मीमांसा, व्याकरण, अलंकार, काव्य, बनस्पति विज्ञान, ज्योतिष संगीत आदि अनेक विषयों का समावेश हो गया है। वर्तमान कोशों में से बहुत कम कोशकारों ने ज्ञान की विविध शाखाओं के तकनीकी शब्दों की व्याख्या प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। हाँ, वाचस्पत्य में इस प्रकार के शब्द पाये जाते हैं, परन्तु वह भी कुछ अंशों में दोषपूर्ण हैं। विशेष रूप से उस कोश से जो मुख्यतः विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए ही तैयार किया गया हो, ऐसी आशा नहीं की जा सकती। यह कोश तो मुख्य रूप से गद्यकथा, काव्य, नाटक आदि के शब्दों तक ही सीमित है, यह बात दूसरी है कि व्याकरण, न्याय, विधि, गणित आदि के अनेक शब्द भी इसमें सम्मिलित कर लिये गये हैं। वैदिक शब्दों का अभाव इस कोश की उपादेयता को किसी प्रकार कम नहीं करता, क्योंकि स्कूल या कालिज के अध्ययन काल में विद्यार्थी की जो सामान्य आवश्यकता है उसको यह कोश भलीभांति बल्कि कई अवस्थाओं में कुछ अधिक ही पूरा करता है। कोश के सीमित क्षेत्र के पश्चात् इसमें निहित शब्द योजना के विषय में यह बताना सर्वथा उपयुक्त है कि कोश के अन्तर्गत, शब्दों के विशिष्ट अर्थों पर प्रकाश डालने वाले उद्धरण, संदर्भ उन्हीं पुस्तकों से लिये गये हैं जिन्हें विद्यार्थी प्रायः पढ़ते हैं। हो सकता है कुछ अवस्थाओं में ये उद्धरण आवश्यक प्रतीत न हों, फिर भी संस्कृत के विद्यार्थी को, विशेषतः आरंभकर्ता को, उपयुक्त पर्यायवाची या समानार्थक शब्द ढूंढ़ने में ये निश्चय ही उपयोगी प्रमाणित होंगे । दूसरी ध्यान देने योग्य इस कोश की विशेषता यह है कि अत्यन्त आवश्यक तकनीकी शब्दों की, विशेषतः न्याय, अलंकार, और नाट्यशास्त्र के शब्दों की व्याख्या इसमें यथा स्थान दी गई है। उदाहरण के लिए देखो अप्रस्तुत प्रशंसा, उपनिषद्, सांख्य, मीमांसा, स्थायिभाव, प्रवेशक, रस, वातिक आदि । जहाँ तक अलंकारों का सम्बन्ध है, मैंने मुख्य रूप से काव्य प्रकाश का ही आश्रय लिया है- यद्यपि कहीं-कहीं चन्द्रालोक, कुवलयानन्द और रसगंगाधर का भी उपयोग किया है। नाट्यशास्त्र के लिए साहित्य दर्पण को ही मुख्य समझा है। इसी प्रकार महत्त्वपूर्ण शब्दचय, वाग्धारा, लोकोक्ति अथवा विशिष्ट अभिव्यंजनाओं को भी यया स्थान रक्खा है, उदाहरण के लिए देखो – गम्, सेतु, हस्त, मयूर, दा, कृ आदि। आवश्यक शब्दों से सम्बद्ध पौराणिक उपास्यान भी गया स्थान दिये हैं उदाहरणतः देखो – इंद्र, कार्तिकेय, प्रह्लाद आदि । व्युत्पत्ति प्रायः नहीं दी गई हाँ बरवन्त विशिष्ट यथा अतिथि, पुत्र, जाया, हृषीकेश आदि शब्दों में इसका उल्लेख किया गया है। तकनीकी शब्दों के अतिरिक्त अन्य आवश्यक शब्दों के विषय में दिया गया विवरण विद्यार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा- ७० मंडल, मानस, वेद, हस। कुछ आवश्यक लोकोक्तियाँ ‘न्याय’ शब्द के अन्तर्गत दी गई हैं। प्रस्तुत कोश को और भी अधिक उपादेय बनाने की दृष्टि से अन्त में तीन परिशिष्ट भी दिये गये हैं।
Additional information
Weight | 1140 g |
---|---|
Dimensions | 19 × 15 × 6 cm |
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
Reviews
There are no reviews yet.