Vedharthpratiti
Original price was: ₹150.00.₹135.00Current price is: ₹135.00.
जैसे इस जगत् में जो तीन अनादि पदार्थ हैं उसमें से ईश्वर सर्वश्रेष्ठ और वरण करने योग्य है। उसके तुल्य वा उससे अधिक और कोई पदार्थ नहीं है। वैसे ईश्वर की वाणी, ईश्वर का उपदेश वेद सर्वश्रेष्ठ ग्रन्थ है। इसके तुल्य वा उससे अधिक कोई ग्रन्थ नहीं है। ईश्वर के ज्ञान में कोई भी संशय या भ्रांति नहीं होने से वेद स्वतः प्रमाण कहे जाते हैं। वेद के अन्य नाम श्रुति, निगम, ब्रह्म, आम्नाय, छन्द, आगम आदि हैं ।
“वेद सब सत्यविद्याओं का पुस्तक है, वेद का पढ़ना, पढ़ाना और सुनना, सुनाना सब आर्यों का (श्रेष्ठ जनों का) परम धर्म है” यह उद्घोष स्वामी दयानन्द जी सरस्वती का और विश्वव्यापी आर्य समाज संगठन का है। स्वामी दयानन्द सरस्वती ने स्वयं ऋषियों की परम्परा के अनुसार वेदों का आर्यभाषा (हिन्दी) में भाष्य करना आरम्भ किया था। वैदिक वाङ्मय के प्रकाण्ड विद्वान् व समाधि प्राप्त वीतराग संन्यासी होने से उनका यह भाष्य अत्यंत प्रभावशाली व क्रांतिकारी था। परंतु दुर्भाग्य से उनका यह कार्य अधूरा रहा। वेदभाष्य के इस अधूरे कार्य को अन्य मनीषी व समर्पित आर्य विद्वानों ने आगे बढ़ाया जिससे विद्वानों तथा जनसाधारण में वेदों के प्रति निष्ठा बढ़ी व वेद स्वाध्याय, वेद अध्ययन व अध्यापन की परम्परा का पुनः निर्माण हुआ।
पुनरपि जो मत, पंथ, संप्रदाय के अनुयायी वेदों को न मानकर अपने ग्रन्थों को ईश्वरीय व वेदों से बढ़कर मानते हैं उनका यह काम अनुचित है क्योंकि सृष्टि के आरंभ में परमेश्वर के उपदेश वेद विद्या आने के पश्चात् ही मनुष्यों को विद्या और ज्ञान की उन्नति करनी सहज हुई है। अतः उन्हें अपने हठ तथा दुराग्रह छोड़कर वेदों को मानना चाहिए। ऐसा यथायोग्य व्यवहार करने से उनका तथा विश्व का कल्याण होगा।
वेदपाठ, वेद स्वाध्याय, वेद अध्ययन व अध्यापन की इसी परम्परा का सन् 1986 में ब्रह्मनिष्ठ स्वामी श्री सत्यपति जी परिव्राजक द्वारा संस्थापित दर्शन योग महाविद्यालय में भी उत्कृष्टता से निर्वाह किया जाता है।
स्वामी ध्रुवदेव जी परिव्राजक व्याकरण, दर्शन व निरुक्त के विद्वान् हैं। मौन, शांत व गंभीर रहते हुए वेदों का गहन व विस्तृत अध्ययन करते रहते हैं।
Additional information
Weight | 280 g |
---|---|
Dimensions | 22 × 14 × 2 cm |
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
Reviews
There are no reviews yet.