Vedon Mein Rajnitishastra
Original price was: ₹275.00.₹247.50Current price is: ₹247.50.
Description
वेदों का महत्व और राजनीतिशास्त्र की अवधारणा
वेद भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा हैं, जिसमें न केवल धार्मिक ग्रंथों का समावेश है, बल्कि इन्हें मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहरा ज्ञान प्रदान करने वाले आधार भी माना जाता है। वेदों के चार प्रमुख ग्रंथ – ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद, मानव सभ्यता की जटिलताओं और सक्रियताओं का विस्तृत वर्णन करते हैं। इन ग्रंथों में नीति, धर्म और राजनीति से जुड़ी विचारधाराओं को शामिल किया गया है, जो आधुनिक राजनीति की धाराओं को समझने में सहायक हैं।
राजनीतिशास्त्र की अवधारणा वेदों में विभिन्न शास्त्रों के माध्यम से स्पष्ट होती है। उदाहरण स्वरूप, उपनिषदों और पुराणों में सामाजिक एवं राजनीतिक तंत्रों का उल्लेख किया गया है, जिससे यह ज्ञात होता है कि प्राचीन भारत में नीति-निर्माण के लिए धार्मिक और नैतिक मूल्य कैसे महत्वपूर्ण रहे हैं। वैदिक ग्रंथों में वर्णित राजधर्म, नीति और लोककल्याण से संबंधित सिद्धांत वर्तमान में भी प्रासंगिक हैं। यह दर्शाता है कि उस समय की राजनीतिक विचारधारा न केवल सत्ता के भौतिक पहलुओं तक सीमित थी, बल्कि वो नैतिकता और धर्म के उच्चतम मानकों से भी प्रभावित थी।
वेदों में दी गई नीति के सिद्धांत आज भी भारतीय राजनीति और सामाजिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए, वेदों में न्याय और समानता का महत्व प्रदर्शित किया गया है, जो समकालीन लोकतंत्रों के आधार स्तंभ हैं। इसलिए, वेदों का राजनीतिक ज्ञान न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आज के समय में भी राजनीतिक निर्णय लेने के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक सिद्ध होता है।
डॉ. कपिल देव द्विवेदी का योगदान
डॉ. कपिल देव द्विवेदी भारतीय विद्वान हैं, जिन्होंने वेदों में राजनीतिशास्त्र के अध्ययन को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके अनुसंधान और लेखन में भारत की प्राचीन पाठ्य सामग्री को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विश्लेषण करने का प्रयास किया गया है। वेदों में निहित राजनीतिक सिद्धांतों का विश्लेषण करते हुए, डॉ. द्विवेदी ने धर्म और राजनीति के अंतर्सम्बंधों पर प्रकाश डाला है।
उनके लेखन में वेदों की राजनीतिक प्रासंगिकता के विभिन्न पहलुओं का विस्तार से वर्णन किया गया है। उदाहरण के लिए, उन्होंने ऋग्वेद, यजुर्वेद, और सामवेद में राजनीति से संबंधित महत्वपूर्ण उपयोगिताओं को उजागर किया है। इसके साथ ही, उनके व्याख्यानों में भारतीय राजनीति की वैचारिक नींव के रूप में वेदों के तत्वों की गहन चर्चा की गई है। उनके कार्यों ने यह साबित किया है कि प्राचीन ग्रंथ न केवल धार्मिक बल्कि राजनीतिक निर्णय लेने में भी मार्गदर्शक हो सकते हैं।
डॉ. द्विवेदी के विचारों में भारतीय संस्कृति और सभ्यता का गहरा अध्ययन समाहित है, जो आधुनिक राजनीतिक परिदृश्य को समझने में सहायक है। उन्होंने वेदों की सामग्री को सामयिक संदर्भ में प्रस्तुत किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वेदों को एक राजनीतिक शास्त्र के रूप में भी देखा जा सकता है। उनकी अंतर्दृष्टि न केवल शैक्षणिक जगत में बल्कि नीति निर्धारण में भी उपयोगी सिद्ध हो रही है। इन कारणों से, डॉ. कपिल देव द्विवेदी का योगदान भारतीय राजनीति और वेदों के अध्ययन के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
Additional information
Weight | 400 g |
---|---|
Dimensions | 22 × 14 × 3 cm |
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
Reviews
There are no reviews yet.